Bihar Land Survey
पटना: बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाया जा रहा राजस्व महाअभियान 2025 अब रफ्तार पकड़ चुका है। लंबे समय से चल रही संविदा कर्मियों की हड़ताल खत्म होने लगी है और बड़ी संख्या में कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। इस बीच, रैयतों की भागीदारी भी लगातार बढ़ रही है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे –
- बिहार राजस्व महाअभियान 2025 की ताज़ा स्थिति
- कितने संविदा कर्मी लौटे काम पर
- रैयतों द्वारा अब तक कितने आवेदन किए गए
- किन जिलों में सबसे अधिक आवेदन आए
- जमाबंदी पंजी वितरण की स्थिति
- संविदा कर्मियों को लेकर विभाग का रुख
संविदा कर्मियों की वापसी से अभियान को मिला सहारा
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की अपील के बाद बड़ी संख्या में संविदा कर्मी हड़ताल छोड़कर काम पर लौट आए हैं।
- 29 अगस्त की शाम तक 2817 विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी ड्यूटी पर लौट चुके हैं।
- लौटे सभी कर्मियों ने अपने-अपने सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पास योगदान दे दिया है।
इससे अभियान की रफ्तार तेज हो गई है और लंबित कार्यों को तेजी से निपटाया जा रहा है।
रैयतों की बड़ी भागीदारी – अब तक दो लाख आवेदन
राजस्व महाअभियान में रैयतों की भागीदारी को लेकर विभाग ने बड़े आंकड़े साझा किए हैं।
- अब तक करीब दो लाख आवेदन रैयतों द्वारा शिविरों में जमा किए जा चुके हैं।
- इनमें सबसे अधिक आवेदन अररिया (21849) से आए हैं।
- इसके बाद औरंगाबाद (16216), पटना (10947), गया (10082) और खगड़िया (9251) का स्थान है।
आवेदन किन विषयों से जुड़े हैं?
- ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि सुधार
- ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन कराना
- बंटवारा नामांतरण
- उत्तराधिकार नामांतरण
अधिकारियों का मानना है कि रैयतों का यह उत्साह इस अभियान की सफलता का साफ संकेत है।
जमाबंदी पंजी की प्रति का वितरण
बिहार सरकार ने इस अभियान के तहत रैयतों को उनकी जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराना शुरू किया है।
- कुल 3 करोड़ 60 लाख जमाबंदियों में से अब तक 55% पंजी की प्रति वितरित की जा चुकी है।
सबसे आगे रहने वाले जिले
- सीतामढ़ी – 89.99%
- वैशाली – 86.19%
- जहानाबाद – 83.38%
- गोपालगंज – 81.16%
- शेखपुरा – 80.73%
बाकी जिलों में भी वितरण का काम तेजी से किया जा रहा है। विभाग ने साफ कहा है कि अभियान की अवधि में शेष प्रतियां भी प्राथमिकता के आधार पर बांट दी जाएंगी।
विभाग की चेतावनी का असर
संविदा कर्मियों की हड़ताल से महाअभियान पर असर पड़ रहा था। ऐसे में विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कर दिया –
- सभी संविदा कर्मियों को 30 सितंबर की शाम तक काम पर लौटना होगा।
- इस अवधि में लौटने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
- जो कर्मचारी समय पर योगदान नहीं देंगे, उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
यह चेतावनी कारगर साबित हो रही है और लगातार कर्मचारी ड्यूटी पर लौट रहे हैं।
क्यों है यह अभियान महत्वपूर्ण?
राजस्व महाअभियान का मुख्य उद्देश्य है –
- रैयतों की जमीन से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान
- जमाबंदी त्रुटियों को सुधारना
- उत्तराधिकार और बंटवारे जैसे मामलों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पारदर्शिता बढ़ाना
इस अभियान के सफल होने पर जमीन विवाद कम होंगे और सरकारी रिकॉर्ड अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनेंगे।
अब तक की प्रगति – एक नजर में
- 2817 संविदा कर्मी हड़ताल छोड़कर लौटे
- करीब 2 लाख आवेदन रैयतों ने किए
- 55% जमाबंदी पंजी की प्रति वितरित
- शीर्ष जिला – सीतामढ़ी (89.99%)
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निष्कर्ष
बिहार का राजस्व महाअभियान 2025 लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। रैयतों की भारी भागीदारी, आवेदन की बढ़ती संख्या और जमाबंदी पंजी के तेज वितरण से स्पष्ट है कि यह अभियान सफल दिशा में बढ़ रहा है। संविदा कर्मियों की वापसी से उम्मीद है कि अब काम और तेज़ी से आगे बढ़ेगा और रैयतों की समस्याओं का जल्द समाधान होगा।